Pinjar Chali Kahaani Episode 23 Rabindranath Tagore Hindi Ki Amar Kahaaniyaan
Updated on:14 July, 2020 11:22 AM IST |
मैंने सोचा यह मेरा भ्रम है, और बुरे स्वप्नों के कारण काल्पनिक आवाजें आ रही हैं, किन्तु पांव की आहट फिर सुनाई दी। इस पर मैंने भ्रम-निवारण हेतु उच्च स्वर से पूछा-&39;&39;कौन है?&39;&39; यह सुनकर वह अपरिचित शक्ल मेरे समीप आई और बोली- &39;&39;मैं हूं, मैं अपने पिंजर को दिखने आई हूं।&39;&39;
मैंने विचार किया मेरा कोई परिचित मुझसे हंसी कर रहा है। इसलिए मैंने कहा-&39;&39;यह कौन-सा समय पिंजर देखने का है। वास्तव में तुम्हारा अभिप्राय क्या है?&39;&39; ध्वनि आई- &39;&39;मुझे असमय से क्या अभिप्राय? मेरी वस्तु है, मैं जिस समय चाहूं इसे देख सकती हूं।
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